प्रकृति की कहानी…………………….
मिट्टी से महक आती हैं
मन और दिमाग में समा जाती हैं
बारिश की पहली बूंदों से
मिट्टी भी बोल उठती हैं
हवा वैसे तो दिखाई नहीं देती
चला जाऊं जब ‘मैं’ एकांत राहों पे
हवा भी हाथ थामकर चलती हैं
नजरें जहाँ तक जाए
बस हवा ही दिखाई देती हैं
पत्थर वैसे तो खामोश रहते हैं
पर पहाड़ो से भी आवाज आती हैं
जब मैं चिल्लाकर बातें करता हूँ
वो मेरी नकल करते हैं
पानी की भी अपनी कहानी हैं
बहता हैं धरती पे
जब उड़ता हैं चला जाता हैं आकाश में
और मन किया तो समा जाता हैं पाताल में
अब आकाश, चाँद – सितारों की
बात में तुम्से क्या कहूं
ये मानो पहरा दे रहे हैं
जैसे न जाने कितने राज समेटे हुए हैं
ये कायनात सदा कायम रहें
अपनी कहानी कहती रहें……………….
सुरेश के
सुर……………
Story of nature……………
The smell of soil gets absorbed
in the mind and brain,
from the first drops of rain.
Even the soil speaks.
Air is not visible
but when ‘I’ go on lonely paths,
even the wind moves holding hands.
As far as the eyes can see
only air is visible.
Stones always remain silent but
sounds also come from the mountains.
When I shout and talk they copy me.
Water also has its own story,
flows on the earth,
when flies go into the sky,
and when like end up in netherworld.
Now what do I talk about the sky,
the moon and the stars…………
It seems as if they are on guard.
Like they hold so many secrets.
May this universe last forever,
keep telling its story……………
Suresh Saini