दादा – दादी की यादें…………
दादा की याद तो आँखों में आती नहीं
कहते हैं बड़ा लाड़ला था मैं उनका
मैं भी दादा को बड़ा प्यार करता था
पर दादा मुझे जल्दी ही अकेला छोड़ गये
फिर भी बातों – किस्सों में याद आते हैं दादा
पर हाँ दादी की यादें
आज भी हैं ताजा
गर्मी की छुट्टियों में
गांव में जाना होता था
या किसी बड़े अवसर पर ही
दादी से मिलना होता था
दादी के आगे – पीछे बड़ा परिवार था
फिर भी दादी को स्नेह का इंतजार था
बुढ़ी दादी बहुओ के तानों से मारी
रोज ना जाने क्या – क्या सहती थी
पर दादी की खास बात थी
दादी मुस्कुराती रहती थी
हम दादी से अटपटे सवाल करते थे
दादी कभी तुनककर जवाब देती
तो दादी कभी सोच में पड़ जाती थी
मैं दादी से कम ही घुला – मिला था
क्योंकि गांव में कम ही आना – जाना था
पर हाँ मुझे अभी भी याद हैं
दादी का एक पोता
जो हम कई भाइयों में
थोड़ा बड़ा और समझदार था
दादी का बड़ा ख्याल रखता था
दादी की एक छोटी सी झोपड़ी थी
टूटी – फूटी सी झोपड़ी
मेरे हिसाब से दादा – दादी की
वो ही एक निशानी थी
जिस में थी एक ‘ओबरी’
वो ही दादी का सिम – सिम थी
इसके अलावा दादी के पास थी
बस एक छोटी सी पोटली और पेटी
जिन्हें दादी हमेशा अपने पास रखती थी
कुछ नहीं थोड़ी छोटी जरूरतो का सामान था
और होंगे तो फटे – पुराने कपड़े
बस यही हुआ करते थे
उस जमाने के सपने
और हाँ एक बात तो
मैं आपको बताना ही भूल गया
जाते – जाते भी दादी ने बहुत हंसाया था
शोर मच गया था
बोले दादी तो गई
पर कुछ ही देर में दादी वापस लौट आई
सुबह का समय था
सब खाने – पीने में व्यस्त हो गये
थोड़ी ही देर में वापस खबर आई
अब तो आप समझ ही गये होंगे
इसबार दादा ने उन्हें
अपने पास बुला लिया था
अब जब भी याद आती हैं सब हँसते हैं
बोले जाते – जाते भी दादी
सबको खाना खिलाकर गई
शायद इसीलिए दादी वापस लौट आई थी
सच में आज दादा – दादी को याद करते हुए
आँखे नम हो गई
पुराने गांव की यादें ताजा हो गई…………
सुरेश के
सुर…………
Grandparents memories………
The memory of grandpa
does not come to my eyes.
My family says that
I was his great darling.
I also……….
loved grandpa very much.
But my grandpa
soon left me alone.
Still, my grandpa comes
to my mind in talks and stories.
But yes,
grandma’s memories
are still fresh today.
I used to go village
in the summer holidays
or on some big occasion
used to meet grandma.
Grandma had a big family
behind her.
Still, grandma was waiting
for affection.
Old grandma taunted
by daughters-in-law.
I don’t know what
she had to endure every day.
But grandma……….
had a special thing,
grandma kept smiling.
We used to ask
funny questions to grandma.
Grandma would sometimes
answer softly or grandma
would sometimes
get lost in thoughts.
I was not so intimated
with grandma because
there was very little
commute in the village.
But yes, I still remember that
grandma’s one grandson
who was little elder and wiser
among us.
Took great care of grandma.
Grandma had a small hut.
Broken down hut………..
According to me,
that was the only……….
memento of grandparents
in which there was an ‘obri’
that was grandma’s sim-sim.
Apart from this,
grandma had
Just a small bundle and box.
Which grandma always
kept with her.
There was nothing,
just a few things for small needs.
And if,
there were torn old clothes.
That’s all we used to do,
dreams of that era.
And yes, one thing
I forgot to tell you.
Even while leaving,
grandma made us
laugh a lot.
There was noise,
grandma had gone.
But after some time
grandma came back.
It was morning.
Everyone got busy
in eating etc.
After a while
the news came back.
Now you must have understood.
This time grandpa had called
the grandma.
Now whenever we remember
everyone laughs saying that
grandma while leaving too
went after feeding everyone.
May be that’s why
grandma came back.
Really remembering……….
my grandparents today
eyes became moist.
Memories of the old village
became fresh………….
Suresh Saini