खेलना मत छोड़ो…………….
सबकुछ ठगा बैठे
जो भी था दांव पर लगा बैठे
जुआरी हैं हम सब
बड़े दांव खेलने की आदत डालो
यही सोचकर
हार कर भी एकबार
फिर किस्मत आजमाने जा बैठे
सौ पत्थर फैंको एक तो लगेगा
जो लगेगा वो ही निशाना होगा
हार जीत तो लगी रहती हैं
कोशिशे कभी बेकार नहीं जाती
हरबार कुछ नया सीखाकर जाती हैं
जीत में एक पायदान बनाकर जाती हैं
जिंदगी एक जुआ हैं
खेलना कभी मत छोड़ो………
सुरेश के
सुर………