अजीबो – गरीब दुनिया……………
दुनिया बहुत अजीब हैं
पता नहीं चलता
कौन कितना दूर कौन करीब हैं
पल में कोई अमीर
पल में गरीब हैं
आँखों से देखा
कानों से सुना भी हकीकत नहीं होता
हर मोड़ पे मिल जाएंगे चाहने वाले
पर साथ निभाना आसान नहीं होता
इस दुनिया के बारे में
कुछ कहा नहीं जा सकता
क्योंकि दुनिया बहुत अजीब हैं
कुछ पाने की खुशी हैं
पर खोने का डर हमेशा बना रहता हैं
दुनिया में अजीब सा डर फैला हैं
अजीबो – गरीब ये मेला हैं
दुनिया के बारे में कुछ भी कहना अजीब हैं
सच में ये दुनिया बहुत अजीब हैं
सुरेश के
सुर…………
Strange world……………
The world is very strange.
Don’t know…….
Who is how far away
and who is close?
Someone is rich in a moment
and poor at the moment.
Saw with eyes………
even what is heard
with ears is not reality.
Dears will be found
at every turn
but it is not easy to get along.
About this world
nothing can be said
because the world is so strange.
Happy to get something……
But the fear of losing
always remains.
A strange fear has spread
in the world.
Strange are these fairs.
It’s strange to say anything
about the world.
Truly, this world
is very strange…………
Suresh Saini