इंसान और मजबूरी………….
कभी – कभी इंसान कितना
मजबूर हो जाता हैं
वह चाहता कुछ और हैं
और हो कुछ और ही जाता हैं
दिल कुछ चाहता हैं
जुबां कुछ और ही कह जाती हैं
वह करना कुछ चाहता हैं
हो कुछ और ही जाता हैं
दिमाग कुछ कहता हैं
हाथ कुछ और ही कर जाते हैं
उसे अपनी कोई
खैर – खबर नहीं होती
उसे तो यह भी खबर नहीं होती
वो जिंदा हैं या मर रहा हैं
वह कहते हुए भी
कुछ नहीं कह पाता
चाहते हुए भी
कुछ नहीं कर पाता
कभी – कभी इंसान कितना
मजबूर हो जाता हैं………….
सुरेश के
सुर………….
Human and compulsion……….
Sometimes human becomes
so helpless.
Sometimes human wants
something and something else
happens.
Heart wants something and
the speech says something else.
Human wants to do something
and something else is going on.
The brain says something and
hands do something else.
The human has no any
awareness even – there is no
sign of life or death………
Wants to say something but
can’t say anything.
Wants to do something but
can’t do anything.
Sometimes human is so
forced to……….
Suresh Saini