मेरी पतंग…………
ऐ पतंग
तू चल मेरे संग
मैं बाँधु तुझे डोर
घूमें आसमान में चारों ओर
कभी इस छोर
तो कभी उस छोर
हवा भी लगाएगी अपना जोर
मैं दूंगा तुझे लम्बी डोर
हवा से बातें करेंगे
चारों दिशाओं में घूमेंगे
कभी आड़े कभी तिरछें खेंच लगाएंगे
मैं दूंगा तुझे ठुमकी
और तू इठलाएगी
सारे दिन सैर करेंगे
जब तू थक जाएगी
मैं धीरे – धीरे
तुझे फिर से खेंच लूंगा अपनी ओर
ऐ पतंग
तू चल मेरे संग………..
सुरेश के
सुर………..
My Kite…………
Oh! kite
You come with me.
I will tie you a string.
Roam around in the sky
ever this end to that end.
Even the air will exert its force.
I will give you a long string,
talk to the wind,
roam in all directions.
Sometimes we will pull right
and sometimes left.
I will give you a dance
and you will flaunt.
We will walk all day.
When you get tired,
I slowly pull you
towards me again.
Oh! kite
You come with me………..
Suresh Saini