हवा तेरी भी बात निराली हैं………
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं
इस लोक की तू शहजादी हैं
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं
तुझे टोके ऐसी कोई आवाज नहीं
तुझे रोके ऐसी कोई सरहद नहीं
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं
न कोई रंग, न कोई रूप
फिर भी कभी मंद झोंका तो कभी तूफान हैं
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं
हर एकांत में, हर महफिल में
तेरी ही चर्चा होती हैं
तू जो न मिले
जिंदगी रूठ जाती हैं
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं
इस दुनिया की करती तू रखवाली हैं
चाहे मंद झोंका हो या तेज तूफान
तेरी ही मर्जी चलती हैं
हाँ, तुझ से ही ये साँसे चलती हैं
इसीलिए तुझ से मिलने को
हर घड़ी बेताब रहता हूँ
आखिर इस लोक की तू शहजादी हैं
ऐ हवा तेरी भी बात निराली हैं……………..
सुरेश के
सुर…………
Wind is unique……………
Oh! Wind, you are unique.
You are the princess
of this world.
Oh! Wind, you are unique.
There is no such sound
to interrupt you.
There are no boundaries
to stop you.
Oh! Wind, you are unique.
You have no color, no shape
still, sometimes there is a
gentle breeze and sometimes
there is a storm.
Oh! Wind, you are unique.
In every solitude,
in every gathering
you are discussed.
If you are not found,
life gets boring.
Oh! Wind, you are unique.
You take care of this world.
It’s a gentle breeze or
a strong storm, only your
wish prevails………
Yes, these breaths come from
you, that’s why I am desperate
to meet you every moment.
After all…………….
You are the princess
of this world.
Oh! Wind, your words are
also unique………..
Suresh Saini