गर्मी की तपन और बारिश का इंतजार……….
वो गर्मी के दिनों की दोपहरी
वो सूने पड़ जाते गली – मोहल्ले और बाजार
वो दूर से आते ‘लू ‘ के थपेड़े
वो खेतों में अलसाती हुई फसलें
वो टपकती हुई पसीने की बूंदे
इन सब के बीच इंतजार रहता हैं
बस बारिश की बूंदे
आकाश में बादल बनते ही
आश बंधती हैं
आँखे तकती हैं
आसमान से बारिश की बूंदे
सबको इंतजार रहता हैं
वो काली घटाओं का छाना
वो पहली बरसात का आना
सबका मिलकर बरसात में नहाना
बस एक जोरदार बारिश ही
अंदर तक ठंडा कर जाती हैं
प्रकति खिल जाती हैं
सबके मन चहक जाते हैं
पल में गायब हो जाती हैं
वो गर्मी की सताती बातें………
सुरेश के
सुर …………
Heat of summer and rain………
That summer afternoon,
those streets, neighborhoods
and markets become deserted.
Those blows of heat wave
coming from far away.
Those crops become lazily in the fields.
Those dripping drops of sweat.
In the midst of all this, we wait
just raindrops.
As soon as clouds form in the sky,
hope is formed,
eyes widen,
raindrops from the sky.
That shadow of dark clouds,
the arrival of the first rain.
Everyone bathing together in the rain.
Just a heavy rain,
cools down from within,
nature blooms,
everyone’s mood is buzzing.
All the nagging things of summer,
disappear in a moment………….
Suresh Saini