नींद मेरी ख्वाबों में खो गई…..
आज फिर नींद मेरी
ख्वाबों में खो गई
मैं जाग रहा था
और फिर हाथ में कलम आ गई
मैं सोचता हूँ
कुछ देर के लिए औरों की तरह
मैं भी सो जाऊं
पर ये मेरे ख्वाब
मुझे सोने नहीं देते
ये मेरे ख्वाब ही हैं
जिन्होंने मुझे जिन्दा रखा हैं
वैसे तो कई बार
मैं मौत से खेलकर आया हूँ
पर हरबार ख्वाबों में लिपटकर
लौट आया हूँ
जी हाँ दोस्तों जिन्दा हूँ
इसीलिए तो लड़ रहा हूँ
मैं सो जाने से भी डरता हूँ
कहीं मैं मेरे ख्वाबों को
न भूल जाऊं
आज फिर नींद मेरी
ख्वाबों में खो गई………
सुरेश के
सुर……..